मैं भटकता रहा खुद को पाने सनम, मुझे मुझसे मिलाया तेरे प्यार ने। मैं भटकता रहा खुद को पाने सनम, मुझे मुझसे मिलाया तेरे प्यार ने।
बचपन की यह सौगातें अच्छी लगती है बचपन की यह सौगातें अच्छी लगती है
यह कविता मासूम बचपने को दर्शाती है... यह कविता मासूम बचपने को दर्शाती है...
तू नन्ही सी छोटी सी मेरी बिटिया प्यार और मासूमियत भरी जादुई पुड़िया । तू नन्ही सी छोटी सी मेरी बिटिया प्यार और मासूमियत भरी जादुई पुड़िया ।
माता-पिता का प्यार, खूब मिलता था। माता-पिता का प्यार, खूब मिलता था।
तब अच्छा खाना क्यों नहीं और अब ये हलुआ पूरी क्यों। तब अच्छा खाना क्यों नहीं और अब ये हलुआ पूरी क्यों।